इश्क़ आज भी है मगर तेरी यादों का ऐसा बुखार हुआ,,नीम हकीम सब बेकार हुआ. नब्ज़ रुकती रही तुझे सोच सोच कर,,ये कैसा तेरा मुझपे अधिकार हुआ. ईबादत करके भी देखी खुदा की ये तो और असरदार हुआ,,ना जाने तेरे इश्क़ का ये कैसा खुमार हुआ. करना तो चाहा था इश्क़ को बेअसर,, ये तो और बेशुमार हुआ तेरा तलबगार हुआ. ये तेरी यादों का में कैसा शिकार हुआ ये कैसा बुखार हुआ। Follow more such stories on @Nojotoapp #writersofinstagram #writeraofindia #shayaris #poetry #quote #wordporn miss pahadan ☺Nitika Bodana✌✍️ Gunjan mishra