आसमानी घोड़े सवार तूफ़ान रे.., विकराल वज्रमय राणा बलवान रे.., हे लौह पुरुष, हे मातॄ भक्त प्रताप, करों स्वीकार बारम्बार प्रणाम रे ! हल्दिघाटी के रण में अमिट निशान रे.., हिंदुस्तान के कण कण की तू शान रे.., हे राजस्थानी, हे मेवाड़ी सपूत... करों स्वीकार बारम्बार प्रणाम रे ! उदय सिंह की तू वीर संतान रे.., अरि में वीर नाम से कोहराम रे.., हे शेर निडर, हे सूर्य प्रखर राणा.., करों स्वीकार बारम्बार प्रणाम रे ! तेरा भाला छूता आसामान रे.., तू राज पद्मनियों का अभिमान रे.., हे चित्तोड़ के महाराणा प्रताप.., करों स्वीकार बारम्बार प्रणाम रे ! कवि आनंद दाधीच 'दधीचि' भारत ©Anand Dadhich #MaharanPratapJayanti #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #hindipoemsonmaharana