Nojoto: Largest Storytelling Platform

उसकों कसक़ भर के चाह लेने में नशा बोतल सब बेकार था

उसकों कसक़ भर के चाह लेने में नशा बोतल सब बेकार था ।
धड़कने का ह्रदय ये भी उसी दिन से बड़ा बीमार था..
क़ई दुआएँ,फ़ितरत फ़िकी,नंगे पाँव दर झुकना सब बेकार था।
ज़ब मंशा जागी उल्टे पाँव उससे भागी फ़िर मुझ तक आई..
उसकों त्यागी।
फ़िर मंशा जागी उसकों देखा अब दिल,मस्तिक सब उसका अब बीमार था।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
  उसका दिल मस्तिक बीमार था......

उसका दिल मस्तिक बीमार था...... #शायरी

206 Views