अब बन गया हूं मैं किसी राख की तरह जलते हुए मेरे जज्बात और दिल में लगी हुई वो आग न जाने कब बर्फ हो गये पता ना चल पाया मुझे हौंसले बुलंद थे मेरे आग की तरह इक लहर सी आई कईं अंजान सबब साथ लाई जन्नत के ख्वाब देखते देखते कब हौंसले खाक हो गये कुछ पता भी ना चला अब बन गया हूं मैं किसी राख की तरह जमाने बदलते गये राही मिलते गये सफर भी चल रहा था मेरा संग करवां भी बन रहा था नादान गुस्ताखी मुझसे हो चली थी वक्त गुजरता रहा किसी ख्वाब की तरह दिल बैठ गया मेरा किसी राख की तरह मैं समझ गया था अब हकीकत हकीकत कुछ और ही थी वादे किस्से और उन बातों ने मुझे अब सच्चाई से रूबरु करवा दिया मैं अभी टूटा नहीं था मगर मायूसी का अंधेरा मेरी आंखों के सामने छाने लगा था धीरे धीरे वक्त के साथ छलावे का परदा अब हटने लगा था और सच्चाई का रंग चढ़ने लगा था मानता नहीं दिल मेरा ये प्यार और विरह क्यूंकि अब बन गया हूं किसी राख की तरह ©Gaurav Soni #Nojoto #Raakh #yourquote #Poetry #Life #Shabdon_ki_duniya #lonely