रंगीन सपनो की लम्बी श्रखलाओ ने .....खोखली आशाऔ को जन्माया है .....विगत स्मृतियों का कोलाहल अभी थमा नहीं और मन में नई कल्पनाओ ने भविष्य के लिए फिर सर उठाया है .....लेकिन इन हाथो में शुन्य के अतरिक्त कुछ भी नहीं आ पाया है ... खली हाथ