चलो,सारा क़िस्सा ही ख़त्म कर देते है निकालो त्रिशूल औऱ तलवार साला एक बार लड़ ही लेते हैं हालात सीरिया सा हों जायेगा तो क्या हो जायेगा... माँ-बहनों का आबरू लूटा जायेगा तो क्या हो जायेगा.. मासूम आनाथ हो जायेंगे, तो क्या हो जायेगा.. गंगा का जल रक्त से लाल हो जायेगा.. तो क्या हो जायेगा... गाँधी का अहिंसा छोड़, चलो, हिंसा कर ही लेते हैं.. निकालो त्रिशूल औऱ तलवार साला एक बार लड़ ही लेते... 3 जून 1947 वाला वाक्या फ़िर से दोहराते है भारत क़ो नोच नोच एक औऱ मुल्क़ बनाते है सपना देखा वीर सपूतों ने जिस भारत का... उस पर लीपापोती कर ही देते हैं चलो, धर्म में अँधे होकर इंसानियत का क़त्ल कर ही देते हैं निकालो त्रिशूल औऱ तलवार साला एक बार लड़ ही लेते हैं... ©कुमार मुकेश साला एक बार लड़ ही लेते हैं.. by-कुमार मुकेश #nojoto#quotes#poem