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।। दिल लगाने से डरता हूॅं ।। चाहता तो हुॅं मैं भी

।। दिल लगाने से डरता हूॅं ।।

चाहता तो हुॅं मैं भी, मगर क्या करूं
ख़्वाब दिल में लिए तो, कई मैं फिरूं।
चाहत है ये कैसी, जो जीते मरूं
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूं।।

सोचता हूॅं कभी मैं, मिले ग़र तुम ना 
ख़्वाब हैं ऐसे क्यों, जो हुए पूर्ण ना।
जीते जी मर के तुमको मैं, चाहता रहूंगा 
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूंगा।। 

जानता तो हुॅं मैं भी, पता है तुम्हें 
दूर रहके भी साथ में, पाता हूॅं मैं।
टूक दो तुम जो कहदो, संवर जायेंगे
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहें।।

चाहा है मैंने तुमको, दिलों जान से
तुमको ही अपना सर्वस्व, विधि मान के।
तेरे ही लिए अब ये, धड़के दिल मेरा
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूंगा।।

©S.Badoni गढ़वाली #Love 
#ishk 
#iktarfapyaar 
#Tu 
#Pyar 
#Bs
।। दिल लगाने से डरता हूॅं ।।

चाहता तो हुॅं मैं भी, मगर क्या करूं
ख़्वाब दिल में लिए तो, कई मैं फिरूं।
चाहत है ये कैसी, जो जीते मरूं
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूं।।

सोचता हूॅं कभी मैं, मिले ग़र तुम ना 
ख़्वाब हैं ऐसे क्यों, जो हुए पूर्ण ना।
जीते जी मर के तुमको मैं, चाहता रहूंगा 
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूंगा।। 

जानता तो हुॅं मैं भी, पता है तुम्हें 
दूर रहके भी साथ में, पाता हूॅं मैं।
टूक दो तुम जो कहदो, संवर जायेंगे
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहें।।

चाहा है मैंने तुमको, दिलों जान से
तुमको ही अपना सर्वस्व, विधि मान के।
तेरे ही लिए अब ये, धड़के दिल मेरा
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूंगा।।

©S.Badoni गढ़वाली #Love 
#ishk 
#iktarfapyaar 
#Tu 
#Pyar 
#Bs