मनहरण घनाक्षरी गुरुदेव का हूँ प्यारा , प्रखर नाम है हमारा , शरण में उनकी ही , सीख रहें ज्ञान हैं । आनंद समूह नाम , वहीं उनका है धाम । चरण रज उनकी , चन्दन समान है । नाम सोम दत्त शर्मा , शुभ उनका नाम है , ग़ज़ल सवैया सब , दिलाते सम्मान है । छन्दों के हैं महारथी , कर्म से हैं भागीरथी , माता शारदें से उन्हें , मिला वरदान है ।। १ आनंद समूह साथी , जैसे दिया और बाती , रहे सब एक साथ , ऐसा परिवार है । समीक्षक सभी वहाँ , गुणी और विद्वान है , बड़े छोटो को सभी , देते सब प्यार है । मान सम्मान में सब , वहाँ सब समान है , प्रेम ही सबके लिए , वहाँ उपहार है । मदन औ नरेश जी , मननीय राकेश जी , दीदी आशा कहती है , प्यारा ये संसार है ।। २ ०६/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी गुरुदेव का हूँ प्यारा , प्रखर नाम है हमारा , शरण में उनकी ही , सीख रहें ज्ञान हैं । आनंद समूह नाम , वहीं उनका है धाम । चरण रज उनकी , चन्दन समान है ।