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*ये जिंदगी तमन्नाओं का गुलिस्तां है* *कभी महकती है

*ये जिंदगी तमन्नाओं का गुलिस्तां है*
*कभी महकती है,कभी चहकती है,*
*कभी छुप जाती है और इस क़दर मुस्कुराती है की,*
*दिल बाग बाग हो जाता है,आगोश में लेने के लिए*
*शुभ प्रभात*,🌹

©Ashok Verma "Hamdard"
  खूब सूरत

खूब सूरत #कविता

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