मुकाम " रोते बेताब चेहरे के नूर को देखा है , परेशानियों के मंजर माथे की रेखा पर सजते देखा है बड़ी अजीब सी बात तो तब लगी कि जिंदगी हार रही थी पर हौसलों की हर बूंद को गदेली में ताकत से पकड़े देखा है ।" kanchan Yadav ✍️ ©kanchan Yadav #LostTracks #हौसलों_की_उड़ान