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कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर... कुछ टूटा तो है अंदर-अ

कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर,
बाहर कुछ और नहीं,
दिल चूर हुआ है इस क़दर!
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

शोर कितना है, बवाल मचा है !
बंज़ारे दिल की सदाएं...
कहती है क्या, कुसूर है क्या !
मिरा न मित्रा कोए!
जग सारा दुश्वार है क्या !

देख ज़रा! रोया तो है अंदर-अंदर,
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

छूटा राही... मासूम रज़ा...
मन की बात है रूठी......जैसे कोई सज़ा...
जुदा है हर इक कोना !
छन-छन के पिरोए सारे थे,
सपनों की मौत हुई है आज !

शायद...कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

बंद मुट्ठी, मुट्ठी में था ख़ंज़र !
जुगनूओं का आसमां था सारा...
रेत सा पिघला तो है अंदर-अंदर!
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

हैरां हूँ मोहब्बत के गुफ़्तगू से,
ख़ामोशी में सुकूं हर सहर! 
बात और ही क्या है!
सवाल मचा है! तूफ़ां उठा है!

हाँ! गरजता है तन्हाईयों का बवंडर...
कुछ छूटा तो है मग़र...
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...
कुछ छूटा तो है अंदर-अंदर...

🌸🌸🌸🍃

@निशा_सी_मैं~
💞🙏 कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर,
बाहर कुछ और नहीं,
दिल चूर हुआ है इस क़दर!
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

शोर कितना है, बवाल मचा है !
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर,
बाहर कुछ और नहीं,
दिल चूर हुआ है इस क़दर!
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

शोर कितना है, बवाल मचा है !
बंज़ारे दिल की सदाएं...
कहती है क्या, कुसूर है क्या !
मिरा न मित्रा कोए!
जग सारा दुश्वार है क्या !

देख ज़रा! रोया तो है अंदर-अंदर,
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

छूटा राही... मासूम रज़ा...
मन की बात है रूठी......जैसे कोई सज़ा...
जुदा है हर इक कोना !
छन-छन के पिरोए सारे थे,
सपनों की मौत हुई है आज !

शायद...कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

बंद मुट्ठी, मुट्ठी में था ख़ंज़र !
जुगनूओं का आसमां था सारा...
रेत सा पिघला तो है अंदर-अंदर!
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

हैरां हूँ मोहब्बत के गुफ़्तगू से,
ख़ामोशी में सुकूं हर सहर! 
बात और ही क्या है!
सवाल मचा है! तूफ़ां उठा है!

हाँ! गरजता है तन्हाईयों का बवंडर...
कुछ छूटा तो है मग़र...
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...
कुछ छूटा तो है अंदर-अंदर...

🌸🌸🌸🍃

@निशा_सी_मैं~
💞🙏 कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर,
बाहर कुछ और नहीं,
दिल चूर हुआ है इस क़दर!
कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर...

शोर कितना है, बवाल मचा है !

कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर... कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर, बाहर कुछ और नहीं, दिल चूर हुआ है इस क़दर! कुछ टूटा तो है अंदर-अंदर... शोर कितना है, बवाल मचा है ! #nojotohindi #emptiness #गीत #nojotohindiwriters #अनकहे_अल्फ़ाज़ #यूंहीतोनहीं