फिर किसी का चिराग बुझा है! फिर कोई लाल अनाथ हुआ है!! फिर टुटी है चुडी़ किसी की! फिर किसी का सिंदूर पुछा है!! फिर टुटी है लाठी किसी घर की! फिर बेबस एक बाप खड़ा है!! फिर रोई है, आज बुढी आंखें! फिर उस छाती का दुध छलका है!! फिर याद ना आई राखी उसका! फिर एक भाई ना वापस लौटा है!! फिर छोटे का खुन खौला है! फिर उसने सैनिक धर्म चुना है! #Dreams #चिराग #बुझा #है