बिखर रहे हैं सपने ज्यों हो पतझड़ बेरंग हो रही ज़िन्दगी ज्यों हो सफेद कैनवास पहले कभी ऐसा न था अब क्यों ऐसा है बचपना बीत रहा मोबाइल में सब रहते एकल क्या तुम्हारी अर्चना में रह गया था अभाव या तुम हो बेपरवाह ये कैसी बहार आई है! #बहार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi