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किसी की पनाहों में जाना क्या? ये पनाह मिलेगी रोजान

किसी की पनाहों में जाना क्या?
ये पनाह मिलेगी रोजाना क्या??

आये थे चुपके से इश्क़ के बाज़ार में।
इश्क़ में लुटने पर अब शोर मचाना क्या?

वो अपना होता तो छोड़ न जाता।
गैरों के लिए रो कर मर जाना क्या??

इश्क़ में जो टूटा है मेरा दिल जाना।
इस टूटे दिल का मिलेगा हरजाना क्या?

ले लें इंतकाम अपना?कर दें बरबाद उसे आशीष ?
लेकिन!अपने इश्क़ को यूँ भरे बाज़ार नचाना क्या? किसी की पनाहों में जाना क्या?
ये पनाह मिलेगी रोजाना क्या??

आये थे चुपके से इश्क़ के बाज़ार में।
इश्क़ में लुटने पर अब शोर मचाना क्या?

वो अपना होता तो छोड़ न जाता।
गैरों के लिए रो कर मर जाना क्या??
किसी की पनाहों में जाना क्या?
ये पनाह मिलेगी रोजाना क्या??

आये थे चुपके से इश्क़ के बाज़ार में।
इश्क़ में लुटने पर अब शोर मचाना क्या?

वो अपना होता तो छोड़ न जाता।
गैरों के लिए रो कर मर जाना क्या??

इश्क़ में जो टूटा है मेरा दिल जाना।
इस टूटे दिल का मिलेगा हरजाना क्या?

ले लें इंतकाम अपना?कर दें बरबाद उसे आशीष ?
लेकिन!अपने इश्क़ को यूँ भरे बाज़ार नचाना क्या? किसी की पनाहों में जाना क्या?
ये पनाह मिलेगी रोजाना क्या??

आये थे चुपके से इश्क़ के बाज़ार में।
इश्क़ में लुटने पर अब शोर मचाना क्या?

वो अपना होता तो छोड़ न जाता।
गैरों के लिए रो कर मर जाना क्या??