White शीर्षक…… 💞अधूरापन…… यूं ही जरा कुछ लिखा आज तब शब्द थे, थी लेखनी चाहत थी, थी यादें बातें थी, थी मुलाकातें पर…….. शायद तुम नहीं थे। ज़रा सा कुछ यूं बन -ठन आई आज तब एक भोर थी, थी महक सी फ़िजा एक शाम थी, और थी कायल सा कर देने वाली गज़ल चाह थी हमे साथ की,और जनाब से कुछ बात की फिर क्या नही था,l शायद इन हाथों में तुम्हारा हाथ।जरा सा कुछ यूं सज आई आज रूप था,था सिंगार (श्रृंगार) था,था शौक ( मिजाज़) और था एक बहाना, तुम्हारे लिए सजने का अजी फिर क्या ही कमी थी, शायद………. तुम्हारी नज़र और जब सजने को तैयार बैठी है महफ़िल तैयार है कायनात बर्बाद होने को और फना होने को तैयार है ये नज़्म गज़ल फिर क्या नही है शायद…….. वो अधूरापन……. Written by Nandini prajapati ✍️💗 ©Nandini # अधूरापन #writer nandini