प्यार में धोखा नहीं बस प्यार ही देना वक़्त कम सही मगर प्यार बेशुमार देना रहता हूँ दूर तुमसे तो एक गुज़ारिश है मेरे साथ हर लम्हे मे सदियाँ गुजार देना जितना है मुझको अपने रब पर यकीन बस उतना ही तुम खुद पर ऐतबार देना निकाल लेंगे कश्ती हर तूफान से हम बस तुम मुझे यकीन की पतवार देना रूठ जाना कभी वो भी हक़ है तुम्हारा पर मुझको वो हंँसी की झंकार देना मुझ पर सारा हक़ है तुम्हारा,जानती हो बस उतना ही अपने पर अधिका र देना मैं बिखरा सा रहता हूँ वीरान खंडहर जैसे करना आबाद मुझे तुम और सँवार देना 🎀 Challenge-203 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।