नज़र आसमानों पर,जिगर आसमानों पर , जमीं से समेटा अब घर आसमानों पर | दुःख दर्द सब यहीं के खेल हैं , कोई नहीं है फिकर आसमानों पर | बहुत भागदौड़ है यहाँ ज़िन्दगी में , आसां है थोड़ा सफ़र आसमानों पर | ज़रुरत सबकी यहीं तक मुझे है , अकेले भी होती बसर आसमानों पर | #Sky#Hope