आज खुश हूं थोड़ा, लिख लूं जरा जिंदगी का क्या, कुछ ना पता.... एक तू, साथ तेरा, और क्या? चाहता दिल मेरा, तेरे बिना इश्क है , प्यार है, प्रेम भी हर खुशी मेरी है तुझसे ही कोयल की कूक में, बादल के पानी में झरने की झर झर और समुंद्र की लहर में दिखती है चारो ओर देखूं जहां भी बातों में यादों में, मेरे इरादों में रहती है हर जगह बस तू ही तू, दिल की है धड़कन, तू आंखो का तारा तेरे बिन जीने का, ना कोई सहारा मेरी खुशी का, मेरी हँसी का कारण तू ही, तू ही तो है शब्दों से मेरी जो कविता बने कविता के शब्दों का अक्षर है तू, नदिया हूं मैं, धारा है तू जीने का मेरे, सहारा है तू। ©Karan Kumar #karanspoem #hindi_poems #life #sahara #jindagi #too_hi_too