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याचना समय की हो या प्रेम की, जो कमजोर हो वही याचक

याचना समय की हो या प्रेम की,
जो कमजोर हो वही याचक होता है,
और जब संबंध में याचना आ जाए
तो स्नेह का सहज प्रवाह थम जाता है।
जिसका समय चाहते हो,
देखो कि वो क्या चाहता है,
जो उसे चाहिए वो तुम्हारे पास हो
तो वो स्वयं खींचा आएगा।
और नहीं तो तुम जितना मांगोगे वह दूर भागेगा।
मांगो मत ,देने योग्य बनो।
न बंधो,ना बांधो, 
स्वयं उन्मुक्त हो, 
सबको मुक्त करो। #कथांश #भावांश
याचना समय की हो या प्रेम की,
जो कमजोर हो वही याचक होता है,
और जब संबंध में याचना आ जाए
तो स्नेह का सहज प्रवाह थम जाता है।
जिसका समय चाहते हो,
देखो कि वो क्या चाहता है,
जो उसे चाहिए वो तुम्हारे पास हो
तो वो स्वयं खींचा आएगा।
और नहीं तो तुम जितना मांगोगे वह दूर भागेगा।
मांगो मत ,देने योग्य बनो।
न बंधो,ना बांधो, 
स्वयं उन्मुक्त हो, 
सबको मुक्त करो। #कथांश #भावांश