शीर्षक - सुनो साइबेरियन पक्षी मैं तुम्हारे जाने का मलाल क्यों करूंगी सुनो साइबेरियन पक्षी मैं तुम्हारे जाने का मलाल क्यों करूंगी तुम्हारे छोड़ जाने के बाद मैं अपना लैला जैसी हाल क्यों करूंगी जब तुम कहते हो कि तुम जन्म जन्मांतर के साथी ही नहीं एक अदद पक्षी हो जो विनिमय के अधिकारी ही नहीं फिर मैं घाट किनारे बैठकर तुम्हारे लिए हड़ताल क्यों करूंगी सुनो साइबेरियन पंछी.... जब तुम जाने के लिए आते हो ना, तो अगली बार मत आना जाकर अपनी यादों का मेरे अंतस में कंपन मत लाना सुदूर देश के पक्षी के लिए मैं खुद को हलाल क्यों करूंगी सुनो साइबेरियन पंछी.... इस अंजनपुरित नैनों में आंसू आते जाते रहते हैं उल्फत बला है यह हमारे यहां भी कहने वाले कहते हैं फिर भला एक अदद पक्षी की उल्फत के लिए , मैं अपने घर वालों से बवाल क्यों करूंगी सुनो साइबेरियन पंछी.... उस सुदूर देश में भी तुम्हारे अपने हैं इसलिए मैं तुम्हें रोक नहीं सकती जिम्मेदारियों के महफिल में रहती हूं इसलिए उल्फत है यह बोल नहीं सकती फिर तुम्हारे हृदय के बिरह कि मैं जांच-पड़ताल क्यों करूंगी सुनो साइबेरियन पंछी.... ©Barkha B.H.U #साइबेरियन #Memories