कोई भी धर्म हो आप कितने सयंमी है इस बात का तब पता चलता है जब आप majority में हो। और वो स्थिति और भी गम्भीर है जब आप majority के करीब हो रहे हो तब बजाय ये जताने के कि तुम्हारा योगदान बराबर का होने जा रहा है आप ये कहें कि अब राज हमारा चलेगा। This approach/mindset is dangerous.