मैं तुम्हारी तरफ देखूं तो तुम्हे चांद कह दूं, क्या खास है आज कहो तो सरेआम कह दूं? तुम बालों को खोल दो आज मैं सुबह को शाम कह दूं। बुरा ना मानो तुम अगर... तो आज तुम्हे कह दूं।। ©दास्तान-ए-जज़्बात जान shayari attitude