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सुंदर सुमन्धित सुमनभावन सी थी जिसे अर्धांगिनी का द

सुंदर सुमन्धित सुमनभावन सी थी जिसे अर्धांगिनी का दर्जा दिया था
वक्त का जायजा लो ज़रा समाप्त तेरे जीवन का कर्जा किया था,

सींचा था स्वंय को अनवरत तेरे अँगना की बगिया को महकाने के लिए,
आज मुरझा हुई हूँ, न शेष है कुछ मेरे पास मेरे जीवन को बचाने के लिए,

आज उठा दी उँगली मेरी हैसियत पर,भुला दिया सब मेरा किया धरा,
आज कोई अहमियत नही मेरे नश्वर देह की,जो कभी थी सोना खरा। #Contest 10(Hindi/उर्दू)

   💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं,
‌ कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें।

🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें

🎀 चार से छह पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,
सुंदर सुमन्धित सुमनभावन सी थी जिसे अर्धांगिनी का दर्जा दिया था
वक्त का जायजा लो ज़रा समाप्त तेरे जीवन का कर्जा किया था,

सींचा था स्वंय को अनवरत तेरे अँगना की बगिया को महकाने के लिए,
आज मुरझा हुई हूँ, न शेष है कुछ मेरे पास मेरे जीवन को बचाने के लिए,

आज उठा दी उँगली मेरी हैसियत पर,भुला दिया सब मेरा किया धरा,
आज कोई अहमियत नही मेरे नश्वर देह की,जो कभी थी सोना खरा। #Contest 10(Hindi/उर्दू)

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🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें

🎀 चार से छह पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,

#Contest 10(Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, ‌ कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 चार से छह पंक्तियों में अपनी रचना लिखें, #YourQuoteAndMine #yourquotebaba #yourquotedidi #Urdu_Hindi #मेरी_हैसियत #shabd_watika #nayi_kalam