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DR. SANJU TRIPATHI
मौसम कितना भी प्रतिकूल हो, सैनिक सरहद पर डट कर खड़े रहते हैं, भूल जाते हैं गर्मी और सर्दी, देशभक्ति का जज्बा दिल में भरे रहते हैं। हौसलों को डिगा नहीं सकता, दुश्मन का कोई भी वार और चालाकी, सर पर कफन बांध कर, जान हथेली पर लिए, लड़ने को तैयार रहते हैं। #Contest_24 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 2 या 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,
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तेरी बेवफाई ने मेरा दिल तोड़ कर, मुझे सबसे बेगाना करके, जिंदा लाश बना दिया, रास आने लगी हमें, तन्हाइयाँ और वीरानियाँ, ज़िंदगी को गुमनाम ज़िंदगी बना दिया। बहुत जी लिए तेरी बेवफाई के कारण रूसवाईयों और तन्हाइयों की गुमनाम ज़िंदगी हम, करेंगे अब हर डर का सामना, अपनी कमजोरियों को ही हमने अपनी ताकत बना लिया। #Contest_23 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,
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मैं जनसंचार का माध्यम हूँ, मैं ही तो संविधान का चौथा स्तंभ कहलाता हूँ। मैं ही राष्ट्र के मानस का निर्माण करने में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हूँ। मझे अभिव्यक्ति की आजादी है,सभी सही गलत खबरों का उत्तरदाई मैं ही हूँ, मैं रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा हूँ, मैं ही मनोरंजन का साधन भी हूँ। #Contest_22 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 2 से 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,
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यह दुनिया बड़ी रंग रंगीली है, यह एक अनसुलझी पहेली है। भातें हैं सभी रंग दुनिया के सभी को, ये रस से भरी रसीली है। दुनिया की चकाचौंध में पड़ कर, खुद का वजूद ना खो देना, हर पल पर छल लेती है दुनिया, यह बड़ी ही छैल छबीली है। यह दुनिया (पंजाबी) 💌Collab on this beautiful BG.. 💌Express your beautiful thoughts 💌 Extend the topic in 4 to 8 lines
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अपने बिगड़े हालातों को देखकर व्यथित हो रहा है भारत, अपनी व्यथा सुनाते-सुनाते भारत कुछ कह रहा है हमसे। अपने अधिकारों की खातिर तुमको खुद ही लड़ना होगा, जाति-धर्म से ऊपर उठकर अब कुछ नया सोचना होगा। भ्रष्टाचार और अन्याय के बढ़ते कदमों को रोकना होगा, सबको मिलजुल कर ही भारत का विकास करना होगा। अब ना कहीं किसी चौराहे पर नारी की अस्मत लुटने पाए, नारी नहीं है किसी से भी कम अब सबको समझना होगा। शिक्षित होकर अब आत्मनिर्भर बनने का समय आ गया, शिक्षित होकर अब बेरोजगारी का दंश नहीं झेलना होगा। भारत देश है सबसे महान,इसे और भी महान बनाना होगा, बच्चे और युवा हैं देश का भविष्य इन्हें बचाए रखना होगा। #प्रतियोगिता_शब्दवाटिका आप सबको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं:- 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें
#प्रतियोगिता_शब्दवाटिका आप सबको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं:- 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें
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मैं संविधान हूँ..... मैं संविधान हूँ भारत का, मुझे अपने संवैधानिक नियमों पर अभिमान है, मैं संविधान हूँ, मैं भारत की शान, दुनियाँ में सबसे विशाल और महान हूँ। 26 नवंबर 1949 को मुझको अंगीकृत, अधिनियमित व आत्मार्पित किया, 26 जनवरी 1950 को देश में लागू होकर मैंने देश को गौरवान्वित किया। मैं जाति धर्म का भेद नहीं मानता मैंने सबको समता का दिया अधिकार है, मैंने सभी को बराबरी का मौका दिया है अब कोई नहीं यहाँ पर लाचार है। मैंने ही विचारों,अभिव्यक्ति,विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता दी है, मुझमें ही प्रतिष्ठा संग अवसर की समता, राष्ट्र की एकता और अखंडता है। मुझमें ही भारत को अखंड ,संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, पंथनिरपेक्ष के साथ-साथ समाजवादी और लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने की भी अपार क्षमता है। क्या करना है और क्या नहीं करना है मैं ही सारे सवालों का जवाब देता हूँ। मैं सौगातों की सौगात हूँ, मैं ही अनगिनत अधिकारों का अनमोल उपहार हूँ। #shabd_watika #राष्ट्रीय_पर्व_26जनवरी_paid #nayi_kalam #urdu_hindi
DR. SANJU TRIPATHI
सफलता की नई राहों में, नई आशाओं के संग आगे बढ़ो, सफलता अवश्य मिलेगी, तुम सोचते हो क्या...सोचने में ना वक्त बर्बाद करो,सोचो नहीं,एक नया आगाज करो। थाम लेगी सफलता तुम्हारा आंचल,बस अपना पहला कदम विश्वास के संग बढ़ाओ, इच्छाशक्ति को एकत्रित करके, दृढ़ निश्चय के संग ईमानदारी से निरन्तर प्रयास करो। #Contest_21 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 2 से 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,
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तेइस जनवरी सन अट्ठारह सौ सत्तानबे को था, कटक उड़ीसा की पावन धरा पर जन्म लिया। भारत माता के थे सच्चे और बहादुर वीर सपूत, नेता सुभाष चंद्र बोस का आज जन्मदिवस है। परमवीर निर्भीक निडर देशभक्तों के देशभक्त, परमज्ञानी व परम शक्तिशाली और सशक्त थे। आजादी के लिए आजाद हिंद फौज बना डाली, आजादी के लिए लड़े ये परम वीर बलिदानी थे। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा नारा दिया, इरादे थे फौलादी उनके वे दृढ़ प्रतिज्ञ सेनानी थे। विपरीत परिस्थितियों में भी कभी हार न मानी, देश के लिए सर्वस्व त्यागा वे स्वतंत्रता सेनानी थे। कोटि-कोटि नमन है भारत के सच्चे सपूत को, भारत की आजादी की लिखी अमर कहानी थी। #विशेषप्रतियोगिता 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 कोई पंक्ति सीमा नहीं है
#विशेषप्रतियोगिता 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 कोई पंक्ति सीमा नहीं है
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धन्य थे श्री गुरु गोविंद सिंह, पंथ खालसा के निर्माता थे, महापुत्र और महापिता थे बिहार की पुण्य धरा पर जन्में थे। धर्म के सम्मान के लिए अपने पिता और पुत्रों को खोया, सदैव कर्म को पूजा,सेवा से बढ़कर ना था कोई धर्म दूजा। ज्ञान, भक्ति, वैराग्य और समर्पण से ही था मन ओत-प्रोत, देशभक्ति थी सर्वोपरि अपना सारा जीवन कर दिया अर्पण। पाखंड से दूर रहते थे सदा ही, नव धर्म-ध्वजा फहरायी थी, प्रतिकूल मार्ग ही मिले सदा पर मुगलों को धूल चटाई थी। धन श्री गुरु गोबिंद सिंह (पंजाबी) On the occasion of the Gurpurrb(Agaman purb) of Guru Gobind Singh Ji.... 💌Collab on this beautiful BG.. 💌Express your beautiful thoughts 💌 Extend the topic in 4 to 8 lines
धन श्री गुरु गोबिंद सिंह (पंजाबी) On the occasion of the Gurpurrb(Agaman purb) of Guru Gobind Singh Ji.... 💌Collab on this beautiful BG.. 💌Express your beautiful thoughts 💌 Extend the topic in 4 to 8 lines
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दीदार -ए- यार की ख्वाहिश में तुम्हारी गलियों से हम रोज ही गुजरते हैं। हो जाओगे एक ना एक दिन तुम हमारे इसी चाहत में सजते संवरते हैं। कभी इससे कभी उससे बात करना तेरी गलियों में आने के बस बहाने हैं, तेरी ही गलियों और कूचों में मुझे अपने रात-दिन, शाम-ओ-पहर बिताने हैं। #Contest 20 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,
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