Nojoto: Largest Storytelling Platform

निहारती रही बन गुमनाम टकटकी लगाए आसमां पर दिल पे ल

निहारती रही बन गुमनाम
टकटकी लगाए आसमां पर
दिल पे लिखती रही बस तेरा नाम
आरजू ए ख्वाहिश कब आएगी वो शाम
साथ होगा महबूब ले हाथों को थाम
दिलकश
 वो और
 दिलकश शाम***

©kanchan Yadav
  #महबूब