Beautiful Moon Night बिन मोहब्बत ज़िन्दगी वीरान है, चार दिन की चाँदनी मेहमान है, अँधेरे का दायरा बढ़ता हुआ क़द, देखकर यह आसमाँ हैरान है, बेबसी छाई निगाहों में उदासी, और राहें लग रही सुनसान है, हर कोई संघर्षरत है रहगुज़र में, ज़िन्दगी होती कहाँ आसान है, गलतियाँ दिखाई पड़ती दूसरे की, ख़ुद से ही हर आदमी अनजान है, फूल ख़ुशियों का खिलेंगे बाग में, रह-ए-उल्फ़त में खड़ा ईमान है, प्रेम और आनंद है हर श्वास में, बोल 'गुंजन' कहाँ तेरा ध्यान है, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #चाँदनी मेहमान है#