अक्सर पूछते हैं, मेरे यार दोस्त और सहपाठी, धीमी और सधी चाल का क्या राज़ है ? कहने को तो हँस कर टाल देता हूँ । समझाना मुश्किल है, के मेरा सम्हल के चलना आदत नहीं मजबूरी है । तेरे आस पास होने का एहसास ही काफी है । कल तो तुम्हारी पायल की खनक पर ही फिसल गया था । (See Translation Below) #WorldMusicDay संगीत अक्सर पूछते हैं, मेरे यार दोस्त और सहपाठी,