कसमें और वादे क्या याद है तुझे वो वादे-कस्में खाई थी हमने सरवर किनारे मैं गोद में तेरी सोया हुआ था आँखों में तेरी आँखें उतारे कामिल शहर जब सो रहा था मैं तुझमें खो रहा था निशा ने निभाई थी सारी रस्में क्या याद है तुझे वो वादे-कस्में। #कस्में_और_वादे