Nojoto: Largest Storytelling Platform

( युद्व & जन्मभूमि) हवा के एहसास को भूला नहीं जात

( युद्व & जन्मभूमि)

हवा के एहसास को भूला नहीं जाता ,
समन्दर की लहरें उठकर - गिरकर 
समंदर में ही लौट आती हैं , 
मौसम कितने भी बदले 
लेकिन हर बार लौटते हैं ।
प्यार कितना भी दूर चला जाए , 
वह तब तक भीतर रहता है जब तक तुम हो । 
भले ही उसका रूप बदल जाए , 
उसकी याद धूमिल पड़ जाए 
लेकिन जो ज़िंदगी का हिस्सा हो 
उसे जिंदगी से अलग नहीं किया जा सकता ,
सिर्फ़ स्वीकारा जा सकता है ।
किसी को प्यार करने में तुम जितने साल बिताते हो 
ठीक उतनी सदियाँ तुम्हें उसे न याद करने में लगती है ।
किसी को भूलना नहीं होता 
लेकिन याद न करना भी अपने बस में कहाँ । "

©vinayak kumar pandey #Grassland
( युद्व & जन्मभूमि)

हवा के एहसास को भूला नहीं जाता ,
समन्दर की लहरें उठकर - गिरकर 
समंदर में ही लौट आती हैं , 
मौसम कितने भी बदले 
लेकिन हर बार लौटते हैं ।
प्यार कितना भी दूर चला जाए , 
वह तब तक भीतर रहता है जब तक तुम हो । 
भले ही उसका रूप बदल जाए , 
उसकी याद धूमिल पड़ जाए 
लेकिन जो ज़िंदगी का हिस्सा हो 
उसे जिंदगी से अलग नहीं किया जा सकता ,
सिर्फ़ स्वीकारा जा सकता है ।
किसी को प्यार करने में तुम जितने साल बिताते हो 
ठीक उतनी सदियाँ तुम्हें उसे न याद करने में लगती है ।
किसी को भूलना नहीं होता 
लेकिन याद न करना भी अपने बस में कहाँ । "

©vinayak kumar pandey #Grassland