Nojoto: Largest Storytelling Platform

****दुखी मन से**** मेरा मानना है कि आदमी को कमजोर

****दुखी मन से****
मेरा मानना है कि आदमी को कमजोर करने के लिए 
उनकी आर्थिक स्थिति देखी जाती है। 
उसका नाजायज फायदा उठाया जाता है। 
उसका हौसला तोड़ने के लिए 
उसके चरित्र पर संदेह किया जाता है। 
यानि उसे चरित्रहीन करने की कोशिश की जाती है।
 बड़े लोगों को पता है उसकी दुखती नब्ज क्या है ? 
उसे हरदम दबाने की कोशिश की जाती है।
 उन्हें इस बात का पता है कि वह आवाज़ नहीं उठा सकता
 इसलिए उसे नीचा दिखाने का सहारा लेकर 
उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया जाता है। 
आज हमारा समाज किस दिशा की ओर जा रहा है; 
ये विचारणीय विषय है।  
चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीति का ,
उसकी गरीबी का फायदा उठाया जाता है। 
उसे मौकापरस्त लोग गरीबी से बाहर निकलने का
 एक भी मौका नहीं देते। 
उनकी सराफत का फ़ायदाअवश्य उठाते हैं।  
हमारे देश की बड़ा ही दुर्भाग्य है
 कि कुछ चंद लोगों की वजह से 
उन पर छींटाकशी की जाती है। 
उस बेचारे को अपनेपन का एहसास तक नहीं होता: 
उसका टैलेंट दबकर रह जाता है। 
उनकी उम्मीदें दफ़न हो जाती है। 
उससे वह बाहर कैसे निकल सकता है?
 यह प्रश्न मेरे मन में बार-बार उठता है। 
उस व्यक्ति को अपने और अपने परिवार को 
ऊंचा उठाने का मौका तक नहीं मिलता है।

©Shishpal Chauhan # दुखी_मन_से
****दुखी मन से****
मेरा मानना है कि आदमी को कमजोर करने के लिए 
उनकी आर्थिक स्थिति देखी जाती है। 
उसका नाजायज फायदा उठाया जाता है। 
उसका हौसला तोड़ने के लिए 
उसके चरित्र पर संदेह किया जाता है। 
यानि उसे चरित्रहीन करने की कोशिश की जाती है।
 बड़े लोगों को पता है उसकी दुखती नब्ज क्या है ? 
उसे हरदम दबाने की कोशिश की जाती है।
 उन्हें इस बात का पता है कि वह आवाज़ नहीं उठा सकता
 इसलिए उसे नीचा दिखाने का सहारा लेकर 
उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया जाता है। 
आज हमारा समाज किस दिशा की ओर जा रहा है; 
ये विचारणीय विषय है।  
चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीति का ,
उसकी गरीबी का फायदा उठाया जाता है। 
उसे मौकापरस्त लोग गरीबी से बाहर निकलने का
 एक भी मौका नहीं देते। 
उनकी सराफत का फ़ायदाअवश्य उठाते हैं।  
हमारे देश की बड़ा ही दुर्भाग्य है
 कि कुछ चंद लोगों की वजह से 
उन पर छींटाकशी की जाती है। 
उस बेचारे को अपनेपन का एहसास तक नहीं होता: 
उसका टैलेंट दबकर रह जाता है। 
उनकी उम्मीदें दफ़न हो जाती है। 
उससे वह बाहर कैसे निकल सकता है?
 यह प्रश्न मेरे मन में बार-बार उठता है। 
उस व्यक्ति को अपने और अपने परिवार को 
ऊंचा उठाने का मौका तक नहीं मिलता है।

©Shishpal Chauhan # दुखी_मन_से

# दुखी_मन_से #विचार