बड़ी असमंजस हैं भाई, रुके या फिर चल दे, कुछ समझ नहीं आ रहा, सारी बात क्लियर हैं, सब रास्ते भी क्लियर हैं, हरी झंडी भी मिल गयी हैं, फिर भी एक डर है कि, एक बार चल दिये तो उल्टा नहीं आ पायेंगे, बड़ी असमंजस हैं भाई। ©अर्पिता #असमंजस