बुरे-अच्छे सब रिश्ते, बस सांसों तक ही रहते हैं, जां जाते ही ये किस्से, धुंध में कहीं खो जाते हैं। दौलत और शोहरत का कभी साथ नहीं होता, साथ तो बस कर्मों का हिसाब ही देता होता। जो दिल से निभाए रिश्ते, वही अमर कहानी बनते हैं, वरना तो लोग कंधों पर आकर फर्ज़ निभाते चलते हैं। मिट्टी के बने हैं हम, मिट्टी में ही मिल जाना है, प्यार का कोई बीज बोया तो वही संग जाना है। मृत्यु के बाद सब कुछ धुंधला सा हो जाता है, सच्चा इंसान वही, जो यादों में रह जाता है। हर रिश्ता इम्तिहान है, उसे प्यार से निभाना है, मोहब्बत का दीप जलाकर, अंधेरों को मिटाना है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर