खो गई ये ख्वाहिश कहीं, वो अपने ही ख़्वाब का ख़्वाब हो, एक ख़्वाब बाकी आज भी, उसकी ख्वाहिशों में वो शुम़ार हो। #चाहत में उसकी शुमार हो #