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सूर्य की चकाचोँध रौशनी मेरी परछाई तक क़ो तो ली

सूर्य  की चकाचोँध  रौशनी मेरी
परछाई   तक क़ो  तो
लील  चुकी..... अब  तुम्ही
बताओ   कि मेरा या छाया विहीन जिस्म
इस अस्तित्व का  हिस्सा  है या नहीं.?

©Parasram Arora
  परछाई

परछाई #कविता

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