हो जाये मुकाबला गम का यह खजाना तेरा भी - मेरा भी यह नजराना तेरा भी - मेरा भी अपने गम को गीत बना कर गा लेना राग पुराना तेरा भी - मेरा भी तू मुझको में तेरे को समझाउ क्या दिल दीवाना तेरा भी - मेरा भी क्योकि लाख छिपाये वो अपना मूड वो बदल नही सकता में भी नही बदल सकता छिप न सकेगा इश्क चारो तरफ है उनका नजारा पर्दा नही है उस खुदा से तो बंदों से क्या रखना प्यार किया तो डरना क्या हो जाये मुकाबला लेखक LalitPu₹0hit™ mukabala