My Struggle story जब मैं छोटा बच्चा था कितना प्यारा कितना सच्चा था सब पल में मुझे अपना बनाते थे खूब हस्ते और मुझे हर पल हँसाते थे समय का जोर पड़ता गया धीरे धीरे मैं बड़ता गया एक रोज अंधेरी रात छा गयी ख्बाबों की परी मेरे ख्बाबों में आ गयी उसकी सूरत मुझको भोली दिखती थी वो मुझको प्यारी लगती थी उस शहजादी ने अपना असली चहेरा दिखा दिया जहरीला खंजर मेरे सीने चुभा दिया पहचान न पाया था उस शहजादी को वो आयी थी मेरी बर्बादी को शहजादी ने मुझको रुला दिया सारे कसमें वादे तोड़ मुझको भूला दिया धीरे धीरे वक्त गुजरता गया मेरा जख्म भी आहिस्ता आहिस्ता भरता गया अब न किसी पर अतवार करेंगे फिर न दोबारा किसी से प्यार करेंगे ये सोच कर सोया था गहरे ख्बाबों में खोया था फिर से एक शहजादी मेरे ख्बाबों में आ गयी मेरी रातों की नीदें उड़ा गयी दिल की दिबारें तो हिलनी थी दोबारा भूल हुई सज़ा तो मिलनी थी बहुत हुआ अब बहुत हुआ फिर न ऐसा कार्य करेंगे मेहनत और ईमानदारी से जीबन का उद्धार करेंगे दृढ़ निष्चय कर स्नातक पार किया थोड़ा जीवन का सुधार किया सोचा था नई मंजिल बनाएंगे कुछ अच्छे बड़े सपने सजायेंगे बड़ा कठिन समय छा गया था जिम्मेदारियों का बोझ सिर पर आ गया था महेनत ईमानदारी का गहना पहन पल पल खाक छनी फिर भी कामयाबी न हाथ लगी घरवालों ने मेरी शादी का विचार किया मेरे सिर पर एक बोझ और डाल दिया जिस दिन चाँदनी की रात थी उस दिन मेरी बारात थी चलो अब हम नए जीवन की शुरुआत करेंगे एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करेंगे #जिंदगी