ख़ामोशी को समझना सीख लो, क्यूंकि ख़ामोशी को समझना सीख लो क्योंकि। जबान वो कह नहीं सकती। जो खामोशी कह जाती है। सब कुछ देख सकती है। मेरी आंखे। बस उस की खामोशी को सह नहीं पाती है। ताहिर।।। #शायरी#खामोशी