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न कोई मंज़िल, न कोई ठिकाना है, मुसाफ़िर हुँ.....रा

न कोई मंज़िल, न कोई ठिकाना है,
मुसाफ़िर हुँ.....रास्तो में ही अपना आशियाना है,
निकल चला हुँ एक सच्चे मुस्कान की तलाश में, 
मेरा न तो कोई फलसफा जिंदगी का, 
न कोई मुमकिन ख्वाब है..... 
बस हर दिल में खुद के लिए प्यार हो..... 
और कुछ खूबसूरत याद.... 
बस यही ख्वाहिश मेरी.. यही मेरा ख्याल है..

©अभय चतुर्वेदी (बेबाक मुसाफ़िर) न कोई मंज़िल, न कोई ठिकाना है,
मुसाफ़िर हुँ.....रास्तो में ही अपना आशियाना है,
निकल चला हुँ एक सच्चे मुस्कान की तलाश में, 
मेरा न तो कोई फलसफा जिंदगी का, 
न कोई मुमकिन ख्वाब है..... 
बस हर दिल में खुद के लिए प्यार हो..... 
और कुछ खूबसूरत याद.... 
बस यही ख्वाहिश मेरी.. यही मेरा ख्याल है..
न कोई मंज़िल, न कोई ठिकाना है,
मुसाफ़िर हुँ.....रास्तो में ही अपना आशियाना है,
निकल चला हुँ एक सच्चे मुस्कान की तलाश में, 
मेरा न तो कोई फलसफा जिंदगी का, 
न कोई मुमकिन ख्वाब है..... 
बस हर दिल में खुद के लिए प्यार हो..... 
और कुछ खूबसूरत याद.... 
बस यही ख्वाहिश मेरी.. यही मेरा ख्याल है..

©अभय चतुर्वेदी (बेबाक मुसाफ़िर) न कोई मंज़िल, न कोई ठिकाना है,
मुसाफ़िर हुँ.....रास्तो में ही अपना आशियाना है,
निकल चला हुँ एक सच्चे मुस्कान की तलाश में, 
मेरा न तो कोई फलसफा जिंदगी का, 
न कोई मुमकिन ख्वाब है..... 
बस हर दिल में खुद के लिए प्यार हो..... 
और कुछ खूबसूरत याद.... 
बस यही ख्वाहिश मेरी.. यही मेरा ख्याल है..

न कोई मंज़िल, न कोई ठिकाना है, मुसाफ़िर हुँ.....रास्तो में ही अपना आशियाना है, निकल चला हुँ एक सच्चे मुस्कान की तलाश में, मेरा न तो कोई फलसफा जिंदगी का, न कोई मुमकिन ख्वाब है..... बस हर दिल में खुद के लिए प्यार हो..... और कुछ खूबसूरत याद.... बस यही ख्वाहिश मेरी.. यही मेरा ख्याल है.. #Hindi #Sunrise #poem #hindiquotes