न कोई मंज़िल, न कोई ठिकाना है,
मुसाफ़िर हुँ.....रास्तो में ही अपना आशियाना है,
निकल चला हुँ एक सच्चे मुस्कान की तलाश में,
मेरा न तो कोई फलसफा जिंदगी का,
न कोई मुमकिन ख्वाब है.....
बस हर दिल में खुद के लिए प्यार हो.....
और कुछ खूबसूरत याद....
बस यही ख्वाहिश मेरी.. यही मेरा ख्याल है.. #Hindi#Sunrise#poem#hindiquotes