कुछ मांगने कुछ लेने कुछ छीनने या कुछ चुराने नहीं कुछ हारने भी नही कुछ जीतने भी नही बात रिहाई की थी रिहाई लेने आया था बात आज़ाद करने की थी मैं समर्पित होने आया था तुझ तक मैं नही ये प्रेम मुझे ले आया था !! ©मिहिर #प्रेम ले आया था