तुमने वो किया जो तुम्हे अच्छा लगा ना पल देखा ना मौसम का मिजाज फिर आरजू किस बात की, इंतजार किसका दिया उसने भी तुम्हें जो उसे सच्चा लगा ©अर्हंत करम