कितने प्यारे प्यारे सलीक़े के घर हैं लोग दुनिया में बहोत मग़र बेघर हैं यह खानाबदोश बंजारे से कुछ लोग सोंचते हैं कहां कहां मिलते नहीं घर हैं चलते रहना फ़लसफ़ा हो गया सारा गुज़रने को आराम गुज़रे के सफ़र हैं लोगों की हालत देखिए के मजबूर हैं हुलिया बदल कर निकलते के डर हैं फ़िज़ा सी बन गई डर डर जीने की उन्मादी ईंट पत्थरों के सामने सर हैं छोड़ देना किसी मसले का हल नहीं मुश्किलों का ईलाज ढूंढिए ये शहर हैं। Solutions समाधान #problems #solution #hope #optimistic #life #passion4pearl #yqdairy #yqtales