कोई चिरागो से कह दो कि अँधेरा होने को है, एक ख्वाब फिर मुझमें ही दफ्न होने को है.. अपने लिबास पर लगे धब्बे धो ले मुसाफिर, ये जमाना तेरा आईना होने को है.. न जाने ये हिज्र(जुदायी) का डर क्यूँ सताने लगा, लगता है फिर तुझे मोहब्बत होने को है.. दहर(दुनिया) के दरख्तो(पेड़ो) में खुशियो की लहर, कोई पंछी किसी पिंजरे से रिहा होने को है.. किस किस की आँख से आँसु चुनता 'अभिषेक', हर किसी की आँखे सैलाब होने को है✒✒ #judgement