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कहा वक़्त ठहरता है उन अपनों के लिये.... जो रेत की त

कहा वक़्त ठहरता है उन अपनों के लिये....
जो रेत की तरहां बंद मुट्ठी से, 
फ़िसल जाते हैं..!
कहा उन शब्दों को ......
भूला सकते हैं हम ....,
जो गहरे ज़ख्मो को नासूर बना जाते हैं ...!!

©# musical life ( srivastava )
  #Drown ज़ख्म

#Drown ज़ख्म #शायरी

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