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जज़्बात मोहब्बत के दिल भूल गया है शायद , बेहिस मेरा

जज़्बात मोहब्बत के दिल भूल गया है शायद ,
बेहिस मेरा दिल  मुझ में दफ़्न पड़ा है शायद ।

मोहब्बत के नाम पर  लूटते देखी है अस्मत , 
उस  वहशत से दिल  बुरी तरह डरा है शायद ।

अपने ही हाथों मैं क़त्ल कर बैठा हूं खुद को , 
इस बात पे  एक शख़्स बहुत रूठा है शायद ।

उसके आने पर मेरी लाश भी सांस लेने लगी ,
वो इंसां नहीं  ख़ुदा का कोई मसीहा है शायद ।

उसे देख क़ब्र से निकल चलने लगा था कोई , 
वो  ज़िंदगी को रोशनी देता  सितारा है शायद । शायद 
#dilsee_ #NojotoMumbai4 #OpenMic #Nojoto #Mumbai #Poetry #Poetess #Mumbai #Words  Satyaprem Internet Jockey Dalchand Kalakaksh Dashrath Prasad
जज़्बात मोहब्बत के दिल भूल गया है शायद ,
बेहिस मेरा दिल  मुझ में दफ़्न पड़ा है शायद ।

मोहब्बत के नाम पर  लूटते देखी है अस्मत , 
उस  वहशत से दिल  बुरी तरह डरा है शायद ।

अपने ही हाथों मैं क़त्ल कर बैठा हूं खुद को , 
इस बात पे  एक शख़्स बहुत रूठा है शायद ।

उसके आने पर मेरी लाश भी सांस लेने लगी ,
वो इंसां नहीं  ख़ुदा का कोई मसीहा है शायद ।

उसे देख क़ब्र से निकल चलने लगा था कोई , 
वो  ज़िंदगी को रोशनी देता  सितारा है शायद । शायद 
#dilsee_ #NojotoMumbai4 #OpenMic #Nojoto #Mumbai #Poetry #Poetess #Mumbai #Words  Satyaprem Internet Jockey Dalchand Kalakaksh Dashrath Prasad