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मैं मिथ्या वचनों में बँध जाता, किन्तु आत्मसात कर न

मैं मिथ्या वचनों में बँध जाता, किन्तु आत्मसात कर नहीं पाता,

मनोदशा स्थिर नहीं रहती, वंचना प्रवृत्ति  चेहरे पर उभर आती,

असत्य उनसे कैसे छुपाऊँ मैं, जिनसे है  जनम जनम का नाता,

चाहे जितना भी  मैं करुँ  प्रयत्न, अंततः झूठ पकड़ा  ही जाता।  " साप्ताहिक पोस्ट प्रतियोगिता "
(Post 07)
सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार"

🎀 आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक को ध्यान में रखते हुए 
अपनी बहुमूल्य रचनाएं लिखे ।

🎀 शीर्षक : झूठ पकड़ा
मैं मिथ्या वचनों में बँध जाता, किन्तु आत्मसात कर नहीं पाता,

मनोदशा स्थिर नहीं रहती, वंचना प्रवृत्ति  चेहरे पर उभर आती,

असत्य उनसे कैसे छुपाऊँ मैं, जिनसे है  जनम जनम का नाता,

चाहे जितना भी  मैं करुँ  प्रयत्न, अंततः झूठ पकड़ा  ही जाता।  " साप्ताहिक पोस्ट प्रतियोगिता "
(Post 07)
सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार"

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🎀 शीर्षक : झूठ पकड़ा

" साप्ताहिक पोस्ट प्रतियोगिता " (Post 07) सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक को ध्यान में रखते हुए अपनी बहुमूल्य रचनाएं लिखे । 🎀 शीर्षक : झूठ पकड़ा #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #आपकी_सहेली #झूठ_पकड़ा #Collabwithआपकी_सहेली