हिंदुओं तुम कटना छोड़ दो *********************** हिन्दुओं तुम बंटना छोड़ दो, अगड़ा , पिछड़ा , एस.टी. , एस. सी. के नाम पर छटकना छोड़ दो। तुम हीं ईसाई , तुम हीं हो मुसलमान, अब भटकना छोड़ दो। कट चुके हो तुम बार-बार, अब कटना छोड़ दो। जो राह चुना है सेकुलरिज्म का तुम ने, उस राह को तुम मोड़ दो। हिन्दुओं तुम बंटना छोड़ दो।। संघर्ष में तुम वीर हो, भारत के तकदीर हो। अवसर है अभी पास तुम्हारे, तुम हो भारत कि आत्मा तुम हीं मंदिर हो। उम्मीद है तुमसे श्री राम, श्री कृष्ण को, तुम भी शक्ति स्वरूप शरीर हो। मातृभूमि का स्वांस तुम , आंखें भी तुम हो, तुम हीं सनातन धर्म के वज़ीर हो। चलो अपने बर्बादी के तुफान को मोड़ दो, हिन्दुओं तुम बंटना छोड़ दो।। ================ प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #हिन्दुओं तुम कटना छोड़ दो।