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पल्लव की डायरी इन जुल्फों के तलबगार बन हसीनो पर फि

पल्लव की डायरी
इन जुल्फों के तलबगार बन
हसीनो पर फिदा रहे
मेरे दिल उसमे खोने को बेशुमार थे
थके हारे इस दुनियाँ से
सुस्ताने के लिये बेताब थे
भटके हुये मनो को छाव मिले
इसलिये इन जुल्फों के हम कायल थे
                                               प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #merasheher इस लिये इन जुल्फों के कायल थे
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