ओ बदरा प्यारे मन के दुलारे कब बरसोगे तुम मेघ लिए आँगन हमारे धरा की प्यास अपने नैनो से बुझा रहे मनमोहिनी मोरनी के भाग्य जगा रे ओ बदरा प्यारे देख खेत में हल लिए किसान तेरी राह निहारे चिड़ियां चहकना भूल गए उनको जरा फिर से चहका रे तनिक तो मन को भींगा रे ओ बदरा बावरे पहले सावन की नई नवेली दुल्हन के जज्बातों को गले से लगा ले ओ बदरा प्यारे अब और ना तड़पा रे नभ के नयनो में बसे हो क्यों कुछ बूंदे तो जलते पथों पर उड़ेल रे ओ बदरा काले -कजरारे बरस जा रे ओ करुणा के रखवाले नैनो की प्यास बुझा रे----अभिषेक राजहंस ओ बदरा प्यारे #Nojoto #NojotoHindi