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बहुत कुछ खो कर ज़माने की ठोकरें खा कर दूसरों को सम

बहुत कुछ खो कर
ज़माने की ठोकरें खा कर
दूसरों को समझते समझाने में
खुद का अस्तित्व गंवाकर अब
शायद खुद से खुद ही गुमशुदा हूँ मैं..

कुछ सांसों को तेरे नाम किया है मैंने
जिंदगी अब कुछ जीवन उधार दो मुझे
बेवजह ही मरता रहा मैं दूसरों के लिए
अब खुद के लिए भी जीना चाहता हूँ मैं..

नफ़रत का ज़हर पीकर प्यासा मैं प्रेम का
गुमनामी के अंधेरे में यूं व्यतीत रहा सफ़र
प्रेमी मैं खुद का भी गुमशुदा कैसे मर जाऊं मैं..

©Anil Ray
  💞💞💞💞लव यू जिंदगी 💞💞💞💞

ज़ख्म रूह तक देकर बहुत सताया उम्रभर
जिंदगी मिथ्या भ्रम में अनिल अब न भरमाये..

नफ़रत की आंधियों में तो रूह तक भटकती
दफ़ना कर मेरी कब्र पर नाम प्रेमी लिखा जाये..
anilray3605

Anil Ray

Bronze Star
Growing Creator

💞💞💞💞लव यू जिंदगी 💞💞💞💞 ज़ख्म रूह तक देकर बहुत सताया उम्रभर जिंदगी मिथ्या भ्रम में अनिल अब न भरमाये.. नफ़रत की आंधियों में तो रूह तक भटकती दफ़ना कर मेरी कब्र पर नाम प्रेमी लिखा जाये.. #कविता #Anil_Ray

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