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यारी :- बंदरों के जैसी ही अपनी भी यारी है। कभी कर

यारी :-

बंदरों के जैसी ही अपनी भी यारी है।
कभी करें तमाशा कभी बने मदारी हैं।

बचपन की यारी! न कोई दुनियादारी,
यारों से हुआ करती पहचान हमारी है।

लड़ते-झगड़ते रहते  हम सब अक्सर,
दोस्ती लगे दिल-ओ-जान से प्यारी है।

ऊंच-नीच,भले-बुरे का भेद न जाने है,
मतलबी, खुदगर्ज! ये दुनिया सारी है।

दूसरों के कांधे पर रख बंदूक चलाते!
आज हमारी तो कल तुम्हारी बारी है।

समय बड़ा बलवान न किसी की माने,
वक़्त के आगे सारी ही दुनिया हारी है।


अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️

©Archana Tiwari Tanuja
  #Yaari 

यारी :-
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बंदरों के जैसी ही अपनी भी यारी है।
कभी करें तमाशा कभी बने मदारी हैं।

बचपन की यारी! न कोई दुनियादारी,

#Yaari यारी :- ******** बंदरों के जैसी ही अपनी भी यारी है। कभी करें तमाशा कभी बने मदारी हैं। बचपन की यारी! न कोई दुनियादारी, #कविता

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